ISRO INSAT-3DS Satellite Mission, लागत, पेलोड, सेटेलाइट लॉन्च तिथि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, मौसम उपग्रह, INSAT प्रणाली, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, I-2k Bus प्लेटफ़ॉर्म, डिज़ास्टर चेतावनी, ट्रांसपॉन्डर, सतीश धवन स्पेस सेंटर, जियोस्टेशनरी कक्षा
INSAT-3DS Satellite: नई ऊंचाईयों की ओर बढ़ते हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने INSAT-3DS नामक एक विशेष मौसम उपग्रह को तैयार किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में मौजूद INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों की सेवाओं को जारी रखना है और INSAT प्रणाली की क्षमताओं में और सुधार कर उसे आगे बढ़ाना है।
इसरो के INSAT-3DS को GSLV F14 रॉकेट के मध्यम से लॉन्च किया जाएगा। जिसे करने के लिए 25 जनवरी 2024 को SDSC-SHAR लॉन्च पोर्ट के तरफ से हरी झंडी दिखा दी गई है।

इस सैटेलाइट ने सफलता से U R Rao Satellite Center, बेंगलुरु में सैटेलाइट असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग गतिविधियों को पूरा कर लिया है। इसकी प्री-शिपमेंट रिव्यू (PSR) 25 जनवरी 2024 को उपयोगकर्ता समुदाय के सदस्यों की भागीदारी के माध्यम से हुआ है।
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ISRO INSAT-3DS Satellite Mission की जानकारी
इस सैटेलाइट को भारत के इसरो स्पेस एजेंसी के द्वारा बनवाया गया है, जिसे U R Rao Satellite Center में जोड़ा गया है। और इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा।
यह सैटेलाइट एक उपयोगकर्ता अनुदान परियोजना है, जिसमें पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES – Ministry of Earth Science) ने निर्धारित किया है, जिसको पालन करके ISRO के सिद्ध I-2k Bus प्लेटफ़ॉर्म के साथ बनाया गया है। भारतीय उद्योगों ने सैटेलाइट निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
यह सैटेलाइट धरती के मौसम अवलोकन और समुद्र सतहों की मौसम अवलोकन की मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है। जिसमे डिज़ास्टर चेतावनी और मौसम पूर्वानुमान के चेतावनी के लिए अलग- अलग पेलोड लगाए गए है। इसलिए इसका वजन 2275 किलोग्राम तक हो गया है।
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INSAT-3DS Satellite Mission में लगे Payloads
इस सेटेलाइट में डिज़ास्टर चेतावनी और मौसम पूर्वानुमान के लिए 6 चैनल इमेजर और 19 चैनल सॉउंडर मौसम पेलोड, संचार पेलोड लगाया गया है, जैसे कि डेटा रिले ट्रांसपॉन्डर (DRT) और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू (SAS&R – Satellite aided Search and Rescue) ट्रांसपॉन्डर लगाया गया है। जिससे डिज़ास्टर चेतावनी और मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सके।
इसलिए और भी पेलोड लगाए गए है, जैसा कि – डेटा रिले ट्रांसपॉन्डर (DRT – Data Relay Transponder) इंस्ट्रूमेंट, स्वचालित डेटा कलेक्शन प्लेटफॉर्म्स / स्वचालित हवा स्थानों (AWS – Automatic Weather Stations) से जल विज्ञान और समुद्र विज्ञान संबंधी डेटा को प्राप्त किया जा सके। जिससे मौसम पूर्वानुमान की क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है।
सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू (SAS&R) को ट्रांसपॉन्डर सैटेलाइट में शामिल किया गया है। ताकि एक आपत्कालीन संकेत में या आपातकालीन स्थिति में इसका प्रयोग हो सके। जिससे खोज और बचाव जैसी सेवाओं के लिए वैश्विक प्राप्ति के साथ एक विपरीत परिस्थिति में सबकुछ सुरक्षित किया जा सके।
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INSAT-3DS Satellite Mission कब होगा लॉन्च और किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा
INSAT-3DS Satellite हमें मौसम की सुरक्षा और बाहरी सुरक्षा में एक कदम और आगे बढ़ाएगा, और ईसके विशेषज्ञ इसमें लगे कई प्रकार के पेयलोड्स के माध्यम से हमें बेहतरीन मौसम और आपदा चेतावनी की सुविधा प्रदान करगायेंगे। इसे सयाद फरवरी 2024 के मध्य में प्रक्षेपित किया जायेगा। क्योंकि अभी तक इसकी कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नही हुआ है बस अंदाजा लगा रहे है। इसे GSLV Mk II रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
इस यात्रा में हमारे भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और ISRO के सभी सदस्यों का बड़ा योगदान है। इस सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण भविष्य में हमें और भी ऊचाईयों तक पहुँचने में मदद करेगा।
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Short information About INSAT-3DS Satellite in Hindi
विषय | जानकारी |
---|---|
स्पेसक्राफ्ट | इनसैट-3डीएस |
निर्माता / ऑपरेटर | इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन |
मिशन प्रकार | मीटियोरोलॉजी |
लॉन्च मास | 2,275 किलोग्राम (5,016 पाउंड) |
लॉन्च तिथि | फरवरी 2024 की शुरुआत या मध्य में (अनिर्धारित) |
रॉकेट | GSLV MK II (GSLV F14) |
लॉन्च साइट | सतीश धवन स्पेस सेंटर |
कक्षा | जियोस्टेशनरी कक्षा |
इस अद्वितीय यात्रा के लिए हम सभी को गर्व है और हम आशा करते हैं कि INSAT-3DS हमारे वैज्ञानिकों और उद्योग के अद्वितीय कुशलता का परिचय कराएगा।
इस अदभुत समय में, हम INSAT-3DS के सफल प्रक्षेपण होने के लिए ISRO को पहले ही बधाई देते हैं और भविष्य में और भी सफलता प्राप्त करने की शुभकामनाएं भी देते हैं।
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FAQs
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इसरो के INSAT-3DS का मुख्य उद्देश्य क्या है?
INSAT-3DS का मुख्य उद्देश्य है INSAT प्रणाली की क्षमताओं में सुधार करके अंतरिक्ष में मौजूद अन्य INSAT उपग्रहों की सेवाओं को जारी रखना।
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INSAT-3DS Satellite को किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा?
INSAT-3DS Satellite को GSLV F14 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
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INSAT-3DS Satellite की वजन और उद्देश्य क्या है?
INSAT-3DS Satellite का वजन 2,275 किलोग्राम है और इसका उद्देश्य धरती के मौसम और समुद्र सतहों की मौसम मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है।
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INSAT-3DS Satellite के Payloads में कौन-कौन से उपकरण शामिल हैं?
INSAT-3DS Satellite के Payloads में डिज़ास्टर चेतावनी और मौसम पूर्वानुमान के लिए 6 चैनल इमेजर, 19 चैनल सॉउंडर, डेटा रिले ट्रांसपॉन्डर, और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपॉन्डर शामिल हैं।
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INSAT-3DS Satellite की लॉन्च तिथि और स्थान क्या है?
INSAT-3DS Satellite का लॉन्च 2024 के फरवरी के मध्य में, SDSC-SHAR लॉन्च पोर्ट से होगा।
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INSAT-3DS Satellite का मुक्त परियोजना किसमें निर्धारित है?
INSAT-3DS Satellite का मुक्त परियोजना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES – Ministry of Earth Science) द्वारा निर्धारित है और इसे ISRO के I-2k Bus प्लेटफ़ॉर्म के साथ बनाया गया है।