ऑर्गेनिक खेती का कमाल: रणधीर सिंह ने उगाई 6 फीट लंबी लौकी और भारी लहसुन भी उगाई और 35 से ज्‍यादा सब्‍जी भी उगाते हैं

Spread the love

ऑर्गेनिक खेती का कमाल: रणधीर सिंह ने उगाई 6 फीट लंबी लौकी और भारी लहसुन भी उगाई और 35 से ज्‍यादा सब्‍जी भी उगाते हैं | Viral Longest Lauki: Haryana के किसान ने उगाई 6 फीट लंबी लौकी, रिकॉर्ड में दर्ज नाम । Bottle Gourd | “किचन गार्डन का बादशाह: रणधीर सिंह, 16 बार लिम्का बुक में नाम दर्ज कराने वाला ऑर्गेनिक किसान” | Organic Farming: फलों की खेती कर रहा ये किसान, हो रही अच्छी-खासी कमाई | Success Story: Haryana के farmer Raman, Organic farming कर कमा रहे हैं लाखों रुपए |

ezgif 69306d3a652dee

30 साल की मेहनत और जैविक खेती में बड़ी सफलता मिली रणधीर सिंह को.

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के रहने वाले किसान रणधीर सिंह ने ऑर्गेनिक खेती के जरिए न केवल अपनी खेती को सफल बनाया, बल्कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। पिछले 30 वर्षों से वे पूरी तरह जैविक और ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं और यह साबित कर दिया है कि रसायन के बिना भी अच्छी फसल ली जा सकती है।

Table of Contents

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में 16 बार नाम दर्ज हुआ किसान रणधीर सिंह का.

ezgif 6d7fc72fafaccc 1

किसान रणधीर सिंह का नाम 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। उनका सबसे बड़ा रिकॉर्ड 6 फीट 2 इंच लंबी लौकी उगाने का है। इसके अलावा, उन्होंने 500 ग्राम और 700 ग्राम(gm) वजन के लहसुन उगाकर भी रिकॉर्ड बनाया जैविक खेती के द्वारा। उन्होंने सबसे बड़ा करेला, शलजम और 3.25 किलो(Kg) की अरबी जैसी सब्जियां भी जैविक खेती से उगाई हैं।

छोटे से किचन गार्डन से शुरुआत किये,अब बड़ी प्रेरणा बन चुका है।

1992 में रणधीर सिंह ने अपने घर के आस-पास एक छोटा सा किचन गार्डन लगाया था। आज उनका यह गार्डन पूरे इलाके के किसानों के लिए प्रेरणा बन चुका है। और उनके खेत में 35 से ज्यादा तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं, जैसे आलू, टमाटर, प्याज, मूली, पालक, मटर, ब्रोकली, और धनिया। साथ ही, वे गन्ना और कई अनेक तरह के फल भी जैविक तरीके से उगाते हैं।

रणधीर सिंह जैविक खेती अपनाने की अपील भी करते है.

ezgif 6cd6caa4eb0db7 1

रणधीर सिंह का मानना है कि जैविक खेती से न केवल अच्छा उत्पादन मिलता है, बल्कि यह पर्यावरण को भी स्वक्छ  एवं सुरक्षित भी रखती है। वे किसान भाईओ को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूर रहने की सलाह भी देते हैं। वे बताते हैं कि जीवामृत और गोमूत्र जैसे प्राकृतिक उर्वरक से मिट्टी की सेहत बनी रहती है और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से रणधीर सिंह को सम्मानित किया गया.

रणधीर सिंह को उनकी उपलब्धियों के लिए 2001 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। वे इस सम्मान को पाने वाले देश के पहले किसान हैं। इसके अलावा, उन्हें सैकड़ों किसान मेलों में भी सम्मानित किया जा चुका है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार ने उन्हें “कृषि रत्न” और “राय बहादुर” जैसे पुरस्कार भी दिए हैं।

रणधीर सिंह किसानों को मुफ्त में बीज वितरित भी करते है.

ezgif 6f65a242c4d299

रणधीर सिंह न केवल खुद जैविक खेती करते हैं, और किसानों को भी प्रेरित करते हैं। वे अपने खेत में तैयार किए गए बीज किसानों को मुफ्त में भी  देते हैं ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिले। उनका मानना है कि रसायन मुक्त खेती से लोगों का स्वास्थ्य और पर्यावरण, दोनों सुरक्षित रहेंगे।

निष्कर्ष: प्रकृति की रक्षा और सेहत के लिए अपनाएं जैविक खेती.

रणधीर सिंह की सफलता यह साबित करती है कि जैविक खेती से अच्छी फसल ली जा सकती है और पर्यावरण की रक्षा भी हो सकती है। उनकी मेहनत और समर्पण हर किसान के लिए प्रेरणा है कि वे रसायन मुक्त खेती अपनाएं और सेहतमंद भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।


FAQ

 रणधीर सिंह ने ऑर्गेनिक खेती में कौन-कौन से रिकॉर्ड बनाए हैं?

उत्तर: रणधीर सिंह ने जैविक खेती में 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। उन्होंने 6 फीट 2 इंच लंबी लौकी, 500 और 700 ग्राम वजन के लहसुन, 3.25 किलो की अरबी, और कई अन्य सब्जियां उगाकर रिकॉर्ड बनाए हैं।

 रणधीर सिंह जैविक खेती में कौन-कौन से प्राकृतिक उर्वरक इस्तेमाल करते हैं?

उत्तर: रणधीर सिंह जैविक खेती में जीवामृत, गोमूत्र, और गोबर खाद का उपयोग करते हैं। ये प्राकृतिक उर्वरक मिट्टी की सेहत सुधारते हैं और फसलों को पोषण प्रदान करते हैं।

जैविक खेती से पर्यावरण को क्या लाभ होते हैं?

उत्तर: जैविक खेती में रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, जल प्रदूषण नहीं होता, और जैव विविधता सुरक्षित रहती है। इससे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है।

रणधीर सिंह ने जैविक खेती की शुरुआत कब और कैसे की?

उत्तर: रणधीर सिंह ने 1992 में अपने घर के पास एक छोटे से किचन गार्डन से जैविक खेती की शुरुआत की थी। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

रणधीर सिंह किसानों को जैविक खेती के लिए कैसे प्रेरित करते हैं?

उत्तर: रणधीर सिंह किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने के लिए अपने खेत में तैयार किए गए बीज मुफ्त में वितरित करते हैं। वे किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से बचने की सलाह देते हैं।

रणधीर सिंह को जैविक खेती में कौन-कौन से सम्मान मिले हैं?

उत्तर: रणधीर सिंह को 2001 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें “कृषि रत्न”, “राय बहादुर”, और सैकड़ों किसान मेलों में विशेष सम्मान मिला है।

जैविक खेती में इतनी बड़ी सब्जियां कैसे संभव होती हैं?

उत्तर: रणधीर सिंह का मानना है कि जैविक खेती में जीवामृत, गोमूत्र और गोबर खाद का संतुलित उपयोग मिट्टी की सेहत को मजबूत बनाता है, जिससे सब्जियों का आकार बड़ा और पोषण बेहतर होता है।

जैविक खेती से आम किसानों को क्या लाभ मिल सकते हैं?

उत्तर: जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होती है, और रासायनिक लागत कम हो जाती है। इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है और स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहता है।



Leave a comment

रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350: फुल टैंक में दमदार रेंज, जबरदस्त फीचर्स ? होली में कभी ना करें ये गलती, नहीं तो घर में लगे पौधे जाएंगे सूख, जानिए रंगों से पौधे को बचाने की टिप्स Saffron Farming: नौकरी छोड़ घर पर केसर उगाकर कमा रहे करोड़ों, जानिए इस पति-पत्नी की सफलता की कहानी गन्ने की खेती: सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण के आसान टिप्स खजूर खाने के फायदे