नई दिल्ली, 18-19 नवंबर, 2023
आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा ‘2047 में होने वाले अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ पर बात होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है | इस लिए अभी पुरे sector 22 को पूरी तरह से घेरा बंदी करा जा रहा है| जिससे सुरक्षा में कोई चुक न हो |
Table of Contents
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी आयोजन का उद्घाटन
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एईएसआई) द्वारा आयोजित ‘2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के द्वारा किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सहभागिता लेने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों में शामिल होंगे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जनरल (डॉ.) वीके सिंह, और अजय भट्ट।
जिसमे कई वज्ञानिक मुद्दों और 200 के आस-पास आए औद्योगिक इकाईयां और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम वर्ग के उद्यम प्रदर्शनी में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे | जिसमे लगभग 1500 लोग भाग लेने वाले है |
सम्मेलन का उद्देश्य: ‘2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ क्षेत्र के 75 वर्षों का सारांश और भविष्य की दिशा
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में 75 वर्षों के सार-संग्रह को प्रस्तुत करना और ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ का विमोचन करना। इसके माध्यम से देशवासियों को इस क्षेत्र में हो रही सफलताओं, तकनीकी प्रगति, और महान व्यक्तियों के योगदान को साझा किये जाने का मौका मिलेगा।
जिससे आम व्यक्तियों को बहोत फायदा होगा और वह इसके बाड़े में और अच्छे से जान पाएंगे | इसलिए आज 18 नवम्बर 2023 को द्वारका के यशोभूमि में राष्ट्रपति इसी लिए पधार रही हैं | उनका आगमन 10 से 12 के बिच में होगा|
इस लिए अभी पुलिस पुरे सर्चिंग प्रोसेस में लग गई है जिसकी वजह से रोड थोरा जाम लग गया है, जिसकी वजह से पुलिस वालो के वाहन, वाहन के डिपो द्वारका सेक्टर-22 में पार्क किया गया है |
सम्मेलन के हाइलाइट्स: अनुसंधान, उद्यमिता, और स्टार्ट-अप चुनौती
इस सम्मेलन में लगभग 1,500 प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जिनमें विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शिक्षाविद, स्टार्ट-अप, और विद्यार्थी शामिल होंगे।
इसके अलावा, 75 से अधिक स्टार्ट-अप और 200 उद्योगिक इकाईयां अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श होगा और प्रमुख वक्ताओं से सीधे टेक्निकल सत्र कि भी बात होंगे।
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया: उत्कृष्टता का 75 वर्षीय जर्नी
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया, जो 1948 में स्थापित हुई, ने भारतीयअंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में 75 वर्षों से अधिक का समर्पण किया है। इसने विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट दिग्गजों के साथ मिलकर देश को महत्वपूर्ण नेतृत्व प्रदान किया है और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में विकास के लिए साथ में काम किया है।
FAQ
18 NOVEMBER को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किस विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है?
18 NOVEMBER को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में आयोजित सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में इस सम्मेलन में भाग लेने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जनरल (डॉ.) वीके सिंह, और अजय भट्ट शामिल होंगे। जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में आयोजित सम्मेलन में किन-किन चुनौतियों पर विचार-विमर्श होगा?
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में आयोजित सम्मेलन में अनुसंधान, उद्यमिता, और स्टार्ट-अप चुनौतियों पर विचार-विमर्श होगा।
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में कैसे लोग इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकृत हो सकते हैं?
18 NOVEMBER को YASHOBHUMI में आयोजित सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगभग 1,500 प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जिनमें विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शिक्षाविद, स्टार्ट-अप, और विद्यार्थी शामिल होंगे। जो पहले से ही पास के द्वारा बुलवाए गये थे |
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया का क्या महत्व है और इसने किस क्षेत्र में योगदान किया है?
एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया, जो 1948 में स्थापित हुई थी , उसने भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में 75 वर्षों से अधिक का समर्पण किया है।
इसने विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट दिग्गजों के साथ मिलकर देश को महत्वपूर्ण नेतृत्व प्रदान किया है और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में विकास के लिए साथ में काम किया है।