Watermelon Farming: गर्मी में खरबूज की बंपर डिमांड, 60-70 दिन की खेती से लाखों की कमाई! जानें पूरा तरीका ,गर्मी में करनी है लाखों की कमाई, करें इस फल की खेती, Tabuj ki kheti, गर्मी में इस फल की रहती है बंपर डिमांड, खरबूजे की अधिक डिमांड, 60-70 दिनों में होगी लाखों की कमाई, गर्मियों में सोना उगलती है इस फल की खेती, जानिए 60 दिन में कैसे होगी बंपर कमाई |
गर्मी के मौसम में खरबूजे की मांग आसमान छूती है। इसकी खेती कर किसान महज 60-70 दिनों में लाखों रुपये कमा सकते हैं। खासकर आलू और सरसों की फसल कटने के बाद खाली पड़े खेतों में खरबूजे की खेती करना फायदेमंद साबित हो रहा है। आइए जानें इसकी खेती का आसान तरीका, लागत और मुनाफे का पूरा गणित।

खेती का आर्थिक गणित: लागत से लेकर मुनाफे तक
खरबूज की खेती कम लागत और कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है। यहां प्रति एकड़ लागत, उपज, और कमाई का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है |
- खरबूज की खेती में लागत:- प्रति एकड़ 10,000 से 15,000 रुपये (जुताई, बीज, सिंचाई, खाद आदि)।
- खरबूज की उपज:- खरबूज की उपज 60-70 क्विंटल प्रति एकड़ होता है।
- खरबूज की कमाई:- बाजार में खरबूज की कीमत 15-20 रुपये/किलो के हिसाब से 1-1.5 लाख रुपये तक शुद्ध मुनाफा होगा।
Table of Contents
खरबूज की खेती के लिए सही समय और जगह
खरबूज की सफल खेती के लिए मौसम, भूमि और क्षेत्र का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है। आइए जानें कब और कहाँ इसकी खेती करने से मिलेगा बेहतर उत्पादन
- मैदानी इलाके:खरबूज की बुवाई का सबसे अच्छा समय फरवरी होता है।
- पहाड़ी क्षेत्र: खरबूज की बुवाई का सबसे अच्छा समय अप्रैल से मई होता है।
- भूमि: खरबूज की बुवाई के लिए बलुई, दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होता है।
खरबूज की उन्नत किस्में: चुनें सही विकल्प
खरबूज की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्मों का चुनाव सबसे ज़रूरी है। यहां किसानों के लिए सबसे लोकप्रिय और हाई-यील्ड वैरायटीज़ की डिटेल्स दी गई हैं
- काशी मधु खरबूज:- यह पीले रंग के धारीदार फल होते है, और हल्के नारंगी गुदा वाले होते है और इस खरबूज का वजन 800 ग्राम तक होता है, और इस खरबूज का उपज 80-100 क्विंटल प्रति एकड़ तक होता है।
- अर्का अजीत खरबूज:- यह छोटे फल (350 ग्राम) होते है, और सुनहरे नारंगी रंग के होते है, और यह सुगंधित और मीठा भी होते है इस में शुगर की मात्रा (13% शुगर) है। और इस खरबूज का उपज 140-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होता है।
- हरा मधु खरबूज:- यह फल का औसत वजन 1 किलोग्राम होता है ,और इसे भंडारण (गोदाम) के लिए उपयुक्त किया जाता है,और इस खरबूज का उपज 60 क्विंटल प्रति एकड़ तक होता है।
- खरबूज पंजाब संकर-1:- यह फल नारंगी, गुदा और 12% मिठास भी होता है, और इस खरबूज का उपज 50-60 क्विंटल प्रति एकड़ तक होता है।
खरबूज की बुवाई का सही तरीका
खरबूज की अच्छी पैदावार के लिए बुवाई का तरीका और समय बेहद महत्वपूर्ण है। यहां स्टेप बाय स्टेप गाइड दी गई है। इस तरह सही बुवाई विधि और देखभाल से आप खरबूज की फसल से बेहतर उपज और मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं!
- खरबूजे के लिए खेत की तैयारी:- मैदानी क्षेत्रों में 1.5-2 मीटर की दूरी पर नालियां बनाएं और बीज को 30-40 सेमी चौड़ी नालियों के किनारे 50-60 सेमी की दूरी पर बोएं।
- खरबूजे की खेती के लिए गड्ढा खोदें (नदी किनारे):- 60x60x60 सेमी गड्ढे खोदें और गोबर की खाद और बालू 1:1:1 के अनुपात में मिलाएं।
- खरबूजे की बीज उपचार:- खरबूजे की बुवाई से पहले बीज को कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम/किलो की दर से उपचारित करें।
खरबूज की खेती में खाद और सिंचाई प्रबंधन
खरबूज की स्वस्थ फसल और अधिक उपज के लिए खाद (उर्वरक) और सिंचाई का सही तरीके से प्रबंधन करना जरूरी है। आइए जानें कब, कितना और कैसे दें खाद व पानी |
- खरबूज की खेती में खाद:- प्रति एकड़ 35 किग्रा नाइट्रोजन, 25 किग्रा फास्फोरस, 25 किग्रा पोटाश। और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के 20 से 45 दिन बाद दें, और पर्णीय छिड़काव बोरॉन, कैल्शियम और मोलिब्डेनम का 3 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़कें।
- खरबूज की सिंचाई:-गर्मी में 4-7 दिन के अंतराल पर पानी दें, ताकि फल सूखे ना |
नोट: फल पकते समय सिंचाई न करें,खरबूजे की मिठास कम हो जाएगी।
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खरबूज के फसल की देखभाल: ये बातें रखें याद
खरबूज की फसल से भरपूर उपज पाने के लिए नियमित देखभाल और प्रबंधन जरूरी है। यहां वो सभी जरूरी बातें बताई गई हैं जिन्हें अपनाकर आप फसल को रोगों, कीटों और पर्यावरणीय तनाव से बचा सकते हैं |
- खरबूजे की फल पकने का संकेत:- खरबूजे की फल का रंग बदलना, छिलका मुलायम होना और कस्तूरी जैसी खुशबू आना।
- खरबूज की तुड़ाई:- खरबूज की पके फलों को सावधानी से तोड़ें और छाया में रखें। ताकि खरबूज धुप से ख़राब न हो |
- खरबूजे की खेती में सावधानी:- तना बढ़ते समय, फूल आने से पहले और फल विकास के दौरान पानी की कमी न होने दें।
निष्कर्ष:
खरबूजे की खेती कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है। सही किस्म, बुवाई का तरीका और समय पर सिंचाई से किसान इसकी पैदावार दोगुना कर सकते हैं।
गर्मी के मौसम में इसकी मांग का फायदा उठाकर आप भी लाखों रुपये कमा सकते हैं ! खरबूज की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, खासकर गर्मी के मौसम में जब बाजार में इसकी मांग आसमान छूती है।
महज 60-70 दिनों की छोटी अवधि में यह फसल किसानों को लाखों रुपये का मुनाफा दे सकती है। आइए जानें क्यों यह खेती आपके लिए है बेस्ट ऑप्शन हैं।
FAQ
खरबूज की खेती से कितनी कमाई हो सकती है?
लागत: प्रति एकड़ ₹10,000 से ₹15,000 (जुताई, बीज, खाद, सिंचाई आदि)।
उपज: 60-70 क्विंटल प्रति एकड़।
मुनाफा: बाजार भाव ₹15-20/किलो के हिसाब से ₹1-1.5 लाख तक शुद्ध कमाई।
खरबूज की बुवाई का सही समय क्या है?
मैदानी इलाके: फरवरी-मार्च।
पहाड़ी क्षेत्र: अप्रैल-मई।
दक्षिण भारत: नवंबर-दिसंबर।
तापमान: अंकुरण के लिए 25-30°C और फल विकास के लिए 30-35°C उपयुक्त।
खरबूज की उन्नत किस्में कौन-सी हैं?
काशी मधु: 800 ग्राम-1 किलो वजन, 80-100 क्विंटल/एकड़ उपज।
अर्का अजीत: छोटे फल (350 ग्राम), 13% मिठास, 140-150 क्विंटल/हेक्टेयर।
हरा मधु: 1 किलो फल, भंडारण के लिए उपयुक्त।
पंजाब संकर-1: नारंगी गुदा, 12% मिठास।
खरबूज की बुवाई का सही तरीका क्या है?
खेत तैयारी: 2-3 बार जुताई करें, 1.5-2 मीटर की दूरी पर नालियां बनाएं।
बीज उपचार: कार्बेन्डाजिम (2 ग्राम/किलो बीज) से उपचारित करें।
बुवाई विधि:
नाली विधि: 50-60 सेमी की दूरी पर बीज बोएं।
गड्ढा विधि: 60x60x60 सेमी गड्ढे में गोबर खाद + बालू मिलाएं।
खरबूज की फसल में खाद और सिंचाई कैसे करें?
खाद:
गोबर खाद: 8-10 टन/एकड़।
NPK: 35 किग्रा नाइट्रोजन, 25 किग्रा फॉस्फोरस, 25 किग्रा पोटाश।
सिंचाई:
गर्मी में हर 4-5 दिन पर पानी दें।
फल पकते समय सिंचाई बंद कर दें।
खरबूज की फसल को कीटों और रोगों से कैसे बचाएं?
चेपा/एफिड: नीम का तेल (5 मिली/लीटर) या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव।
फल मक्खी: फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
पाउडरी मिल्ड्यू: गंधक या हेक्साकोनाज़ोल का छिड़काव।
फ्यूजेरियम विल्ट: बीज को कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।
खरबूज की तुड़ाई कब करें?
पकने के संकेत: फल का रंग बदलना, छिलका मुलायम होना, कस्तूरी जैसी खुशबू।
तुड़ाई: सुबह या शाम के समय हल्के हाथ से करें।
ध्यान दें: फलों को छाया में रखें और ज़मीन से ऊपर स्टोर करें।
खरबूज की खेती के लिए कौन-सी मिट्टी उपयुक्त है?
भूमि का प्रकार: बलुई दोमट मिट्टी (Sandy Loam) सर्वोत्तम।
pH मान: 6.0 से 7.0 के बीच।
जल निकासी: अच्छी होनी चाहिए, जलभराव न हो।
क्या खरबूज की खेती आलू/सरसों के बाद की जा सकती है?
हाँ! आलू या सरसों की कटाई के बाद खाली खेत में खरबूज की बुवाई करें।
फायदा: मिट्टी के पोषक तत्वों का सही उपयोग और अतिरिक्त कमाई।
खरबूज की खेती में भविष्य की संभावनाएं क्या हैं?
ऑर्गेनिक खेती: प्रीमियम कीमतें मिलेंगी।
वैल्यू एडिशन: जूस, जैम, ड्राई फ्रूट्स बनाकर मुनाफा बढ़ाएं।
निर्यात: UAE, यूरोप जैसे बाजारों में मौका।