सोयाबीन की बुवाई के समय इन खास बातों का रखें ध्यान, बंपर होगी पैदावार 

देश में मॉनसून के आने  के साथ ही सोयाबीन के बीज  की बुवाई शुरू हो जाती है. सोयाबीन एक खरीफ फसल है. इसकी खेती का सबसे अच्छा समय जून-जुलाई का महीना होता है.

सोयाबीन की खेती के लिए पानी के निकलने वाली चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. जिन खेतों में पानी रुकता है, उनमें सोयाबीन की खेती आप को नहीं करना चाहिए|

किसानों को सोयाबीन की बुवाई 10 जून से 5 जुलाई के बीच करनी चाहिए क्योंकि समय पर बुवाई ना करने पर सोयाबीन की पैदावार कम हो सकती है.

सोयाबीन की सबसे अच्छी किस्म पूसा 12, SL-952, NRC 130, JS 20-34, JS 116,  JS335 और NRC 128 हैं|

सोयाबीन की फसल में खाद के तौर पर प्रति हेक्टेयर 56kg यूरिया, 450- 625kg सुपर फॉस्फेट और 34- 84kg म्यूरेट ऑफ पोटाश डालना चाहिए.

बुवाई से पहले सोयाबीन के बीजों को धीरम और कार्बेन्डाजिम से साफ करना चाहिए और सोयाबीन की बुवाई चौड़ी क्यारियों में करना चाहिए.

सोयाबीन की बुवाई करते समय एक कतार से दूसरे कतार की दूरी 5-45 सेमी{cm}, पौधों से पौधों की दूरी 4-5 सेमी और बीज की गहराई 3-4 सेमी होनी चाहिए|

सोयाबीन की बुवाई के दौरान बीज दर प्रति हेक्टेयर 65-75kg होना चाहिए, क्योंकि बीज दर कम होने पर उत्पादकता कम हो सकती है.

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