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ISRO: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो पूरी दुनिया को हर बार चौका देती है, जैसा कि अबकी बार फिर चौका दि है, उसने आज ट्विटर पर एक पोस्ट डाला है जिसमें लिखा है कि “हमारा स्पेस स्टेशन मिशन सफल रहा”। ISRO ने बिना बताए ही अनक्रू स्पेस सेटेशन को लॉन्च किया और सफल भी रहा।
इसरो पूरी दुनिया को सरप्राइज रखता है, अपने नए और अतरंगी कारनामों से। जैसाकि इस बार भी रखा, सबको एक नया सरप्राइज देकर खुश कर दिया है और मुझे सरप्राइज बहुत ही पसंद है। इसलिए मैं तो खुश हूं। और इसलिए मैं इसके बारे में पूरी जानकारी आपको दे रहा हूं। इसे मिशन को बढ़िया से जानने के लिए आप इसे और भी पढ़ सकते हैं।
भारत ने अपनी अनूठी और कम लागत में बनी अंतरिक्ष प्लेटफ़ॉर्म, PSLV Orbital Experimental Module-3 (POEM-3) के माध्यम से एक और सफल मिशन को पूरा किया है! इस मिशन में PS4 स्टेज के माध्यम से इस मिशन को पूरा किया गया है। जो XPoSat सेटेलाइट के साथ अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। यह एक साइड पेलोड के तौर पे भेजा गया था। जो 1 जनवरी 2024 को लॉन्च किया गया था।
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POEM-3 Mission: सफलता के पीछे की कहानी
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य था PSLV Orbital Experimental Module-3 (POEM-3) को उसकी इच्छित ऊंचाई 650 किमी तक पहुंचना जो संभव नही था अकेले भेजना क्योंकि बहोत पैसा लग जाता। इसलिए इसे XPoSat मीशन के साथ ही भेजा गया। जिससे ISRO और देश का पैसा बहुत सारा बच गया।
यह छोटा स्पेस स्टेशन एक्सपेरिमेंट इस लिए हुआ था क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि हमारा स्पेस स्टेशन कहां रहना चाहिए और कितना फ्यूल खर्च होगा। इसलिए इसको सही जगह पे कैसे रखा जाए और कितना फ्यूल प्रयोग होगा, इसे अपने कक्षा में बनाए रखने के लिए।
XPoSat सेटलाइट को उसकी जगह धरने के बाद XPoSat का चौथा स्टेज POEM-3 को प्रयोग में लिया गया है और इसे एक्सपेरीमेंट किया जा रहा है। जिसमे सैकड़ों किलोमीटर के चक्कर में लाना और उसकी तय की गई आवृत्ति में स्थानांतरित करना शामिल है। उदाहरण के लिए, मिशन के 25वें दिन में, POEM-3 ने 400 पृथ्वी के चक्कर पूरी कीं, और वर्तमान में इसकी आवृत्ति लगभग 322 किलोमीटर × 352 किलोमीटर है। इसमें यह भी अनुमान लगाया गया है कि POEM-3 अनुमानित रूप से 73 और दिनों तक पृथ्वी के वायुमंडल में चक्कर लगाएगा, फिर उसका प्रवेश पृथ्वी के वायुमंडल में होगा, और नष्ट हो जायेगा।
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POEM-3 Mission: निर्वाहक प्रणाली और प्रदर्शन
POEM-3 के साथ नौ पेयलोड्स थे जो VSSC, PRL, Academia, और IN-SPACe के माध्यम से शामिल हुए स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप्स से आए थे। इस अवधि के दौरान, प्रत्येक पेयलोड को योजना के अनुसार सक्रिय किया गया, और प्रदर्शन किया गया।
उदाहरण के लिए, Bellatrix की ARKA200 (क्षेत्रीय उर्जा प्रणाली) और RUDRA (HAN पे आधारित हरित प्रोपेलेंट थ्रस्टर) की प्रयोगशाला, और Dhruva Space की LEAP-TD (Satellite Bus With VHF/UHF डाउनलिंक और UHF अपलिंक – IIST ग्राउंड स्टेशन का उपयोग करके परीक्षित) पूर्ण हो गईं।
POEM-3 Mission के सफलता का संकेत – सभी लक्ष्य पूर्ण
सभी पेयलोड्स के लक्ष्यों को पूरा किया है, POEM-3 ने 21 विभिन्न संस्थाओं और उद्योगों से मिले पेलोड के काम को पूरे किए हैं।
जिसमे से कुछ के नाम और संस्था के नाम बताते है आपको –
WeSAT (सौर तापमान और UV सूची अध्ययन) के लिए LBS Institute of Technology for Women, BeliefSat0 (एमेच्युअर रेडियो सैटेलाइट) के लिए KJ Somayia Institute of Technology, RSEM (रेडिएशन शील्डिंग प्रयोग) के लिए TakeMe2Space, और DEX (अंतरग्रहीय धूल कण प्रयोग) के लिए PRL के लिए प्रति आवृत्ति डेटा एकत्र किया जा रहा है।
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POEM-3 Mission: ISRO कर रहा भविष्य की तैयारी – नए मिशनों के लिए डेटा जनरेट करना
सभी लक्ष्यों को हासिल करने के बाद, POEM-3 के साथ और अधिक प्रयोग योजना बन रही हैं। इससे भविष्य के मिशनों के लिए डेटा जनरेट किया जाएगा, जिसमें आने वाले POEM कॉन्फ़िगरेशन्स शामिल हो सकते हैं। POEM-3 का अंतर्वस्तु और तीन महीने में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के बाद, समुंद्र में गिर कर नस्ट हो जायेगा।
PSLV-C58 XPoSat मिशन की खास बात यह है कि यह अंतरिक्ष में शून्य कचरा छोड़ देगा।
इस दौरान, भारत ने अपने वैज्ञानिक क्षमता और तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया है, जिससे वह विश्व भर में एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा है। POEM-3 का सफल मिशन एक नई सफलता का प्रतीक है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
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FAQs
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POEM-3 Mission क्या है और इसमें कौन-कौन से महत्वपूर्ण लक्ष्य थे?
POEM-3 (PSLV Orbital Experimental Module-3) भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO द्वारा चलाए गए एक अद्वितीय और कम लागत में बनाए गए स्पेस प्लेटफ़ॉर्म का dumy मिशन है। इसका मुख्य उद्देश्य था सफलता से इसे पूरा करना, जिसमें सैकड़ों वैज्ञानिक और उद्यमियों के पेयलोड्स शामिल थे।
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POEM-3 का मुख्य कारगरी पॉइंट क्या था और कैसे यह सफल हुआ?
POEM-3 का मुख्य कारगरी पॉइंट था उसे इसकी इच्छित ऊँचाई तक पहुँचाना और उसके साथ विभिन्न पेयलोड्स को सफलता से ऑपरेट करना। इसे व्यावसायिक उद्यमियों से जुड़े कई प्रयोगों के साथ सफलता से पूरा किया गया।
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POEM-3 मिशन के कुछ महत्वपूर्ण प्रयोगों का उल्लेख करें।
POEM-3 मिशन में कई प्रयोगों को सफलता से पूरा किया गया, जैसे ARKA200 (Xenon Based Electric Propulsion), RUDRA (HAN based Green Propellant Thruster), LEAP-TD (Satellite Bus with VHF/UHF Downlink & UHF Uplink), WeSAT (Solar irradiance and UV Index study), BeliefSat0 (Amateur Radio satellite), RSEM (Radiation Shielding experiment), और DEX (Interplanetary Dust Particle Experiment).
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POEM-3 मिशन के बाद क्या योजनाएं हैं?
सभी लक्ष्यों को हासिल करने के बाद, POEM-3 के साथ और भी प्रयोगों की योजना बनी है। इससे भविष्य के मिशनों के लिए और भी डेटा जनरेट किया जाएगा, जिसमें आने वाले POEM कॉन्फ़िगरेशन्स शामिल हो सकते हैं।
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XPoSat मिशन का क्या महत्व है और इसकी अगली योजनाएं क्या हैं?
XPoSat मिशन भी ISRO के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके चलते पूरे मिशन का यथासंभाव उपयोग और डेटा जुटाया जा सकेगा। इसके बाद की योजनाएं, जो POEM के बाद आएगी, वह भी महत्वपूर्ण होंगी और अंतरिक्ष अनुसंधान में नए मील के पत्थर बना सकती हैं।
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ISRO का उद्यम और तकनीकी दक्षता में इस मिशन का क्या महत्व है?
POEM-3 मिशन से इसरो ने अपने उद्यम और तकनीकी दक्षता को दुनिया को दिखाया है। इससे भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान में अपनी प्रगति को बढ़ावा दिया है और एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। POEM-3 की सफलता एक नई सफलता का प्रतीक है जो भारत को गर्वित बनाए रखता है।
2 thoughts on “ISRO का POEM-3 Mission सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा! ISRO ने अभी किया पोस्ट, हो रहा ट्विटर पर ट्रेंड”