शाही लीची पर बंपर बौर, इस साल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद

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शाही लीची पर बंपर बौर, इस साल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद, Litchi Farming, लीची की खेती समृद्धि और स्वास्थ्य का स्रोत, Bihar की Shahi Litchi उत्पादन में बन सकता है नंबर-1, बस किसानों को इन बातों का रखना होगा ध्यान, लीची पर `मंजर` देख किसान बाग-बाग, इस बार बंपर पैदावार मिलने की जाग उठी आस , इस बार लीची के पेड़ों में आई अच्छी बौर, बागवानों के चेहरे खिले |

शाही लीची पर बंपर बौर, आने से इस साल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है | सर्दी के मौसम जाने के साथ ही गर्मी के मौसम का भी प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो चुका है | मौसम के प्रकृति में हो रहे बदलाव के बीच लोगों को मार्च (फाल्गुन) महीने का महसूस भी होने लगा है |

लीची की खेती में निवेश से ज्यादा मुनाफा, और सरकार भी नहीं लेगी GST, आखिर क्या है राज
लीची की खेती में निवेश से ज्यादा मुनाफा, और सरकार भी नहीं लेगी GST, आखिर क्या है राज ?

वहीं आम के पेड़ों और लीची के पेड़ों पर मंजर आने शुरू हो चूका हैं , लीची के पेड़ों पर मंजर देख कर किसान खुश हैं , हालांकि किसान लीची के मंजर को देख कर थोड़े मायूस भी हैं, क्योंकि शाही लीची के पेड़ों पर जिस तरह से बौर (मंजर) आए हैं, वैसे इस साल चाइना लीची पर बौर नहीं दिख रहे हैं|

लीची की खेती से कम निवेश में अच्छी कमाई हो सकती है। खासकर मुजफ्फरपुर की शाही लीची की देश-विदेश में जबरदस्त मांग है, जिसकी कीमत ₹100-300 प्रति किलो तक जाती है।

1 एकड़ में खेती करने में करीब 1.5-2 लाख रुपये खर्च होते हैं, लेकिन इससे 4-6 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। ताज़े फलों पर कोई GST नहीं लगता, जबकि प्रोसेस्ड उत्पादों पर केवल 5-12% टैक्स है। सरकार भी किसानों को सब्सिडी, निर्यात में सहायता और ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं देकर इस कारोबार को बढ़ावा दे रही है।

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मौसम का असर और किसानों के मनोभाव

सर्दी के जाने और गर्मी के बढ़ते प्रभाव के बीच, फाल्गुन महीने की खुशबू के साथ ही आम और लीची के पेड़ों पर मंजर (फूल) आने लगे हैं।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के किसान शाही लीची के पेड़ों पर लगे भरपूर बौर (फूलों के गुच्छे) देखकर उत्साहित हैं, लेकिन चाइना लीची के पेड़ों पर मंजर न दिखने से वे थोड़े निराश भी हैं।

शाही लीची पर बंपर बौर, इस साल उत्पादन बढ़ने की उम्मी

पिछले साल चाइना लीची का उत्पादन अच्छा रहा था, जबकि शाही लीची का उत्पादन कम हुआ था। किसानों का मानना है कि शाही लीची से खेती का खर्च निकलता है, जबकि चाइना लीची से शुद्ध मुनाफा होता है।

चाइना vs शाही लीची: उत्पादन का चक्र

लीची की खेती में एक दिलचस्प पैटर्न देखा जाता है: जिस पेड़ पर एक साल अधिक फल लगते हैं, अगले साल उस पर फल कम आते हैं।

यह खासतौर पर चाइना लीची पेड़ में देखा गया है। इस साल शाही लीची के पेड़ों पर बौर की भरमार है, जबकि चाइना लीची के मंजर कमजोर हैं।

कृषि विशेषज्ञ डॉ. विकास दास (लीची अनुसंधान केंद्र) के मुताबिक, वर्तमान मौसम लीची के लिए अनुकूल है, हालांकि तापमान सामान्य से 2°C अधिक है।

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तापमान और सिंचाई: लीची फसल के लिए महत्वपूर्ण

लीची की अच्छी पैदावार के लिए 25°C तापमान आदर्श माना जाता है। डॉ. दास ने किसानों को सलाह दी है कि वे समय पर सिंचाई करते रहें।

पिछले साल मई में तापमान 45°C पार कर गया था, जिससे लीची के फल फट गए थे। इस साल अगर तापमान 45°C से नीचे रहा, तो फसल को नुकसान नहीं होगा।

देशभर में लीची की पैदावार

भारत के 19 राज्यों में लीची की खेती होती है, जिनमें से बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड प्रमुख हैं।

शाही लीची पर बंपर बौर, इस साल उत्पादन बढ़ने की उम्मी

बिहार और पश्चिम बंगाल सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं। हाल ही में, राजस्थान के माउंट आबू, उदयपुर और सिरोही जैसे ठंडे इलाकों में भी लीची की खेती शुरू हुई है।

लीची किसानों की उम्मीदें और परिवहन की चुनौतियाँ

बिहार के लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा सिंह के अनुसार, “इस साल शाही लीची की बढ़िया पैदावार और बेहतर दामों की उम्मीद है।” हालांकि, परिवहन व्यवस्था चुनौती बनी हुई है।

रेलवे में विशेष बोगी की कमी और हवाई मार्ग में जगह न मिलने के कारण लीची दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों तक पहुँचते-पहुँचते खराब हो जाती है। किसानों का मानना है कि सरकार यदि परिवहन सुविधाएँ बेहतर करे, तो उन्हें अधिक मुनाफा हो सकेगा।

निष्कर्ष:

इस साल मौसम की अनुकूल परिस्थितियों और शाही लीची की बंपर बौर को देखते हुए किसान उत्साहित हैं। लेकिन चाइना लीची के कम मंजर और परिवहन की दिक्कतें चिंता का विषय बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन से इस साल लीची उत्पादन में वृद्धि संभव है।

Krishi Vishesh | कृषि विशेष : लीची की खेती |

FAQ

  1. 2025 में शाही लीची का उत्पादन कैसा रहेगा?

    इस साल शाही लीची पर बंपर मंजर देखने को मिल रहा है, जिससे उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

    मौसम भी अनुकूल बना हुआ है, जिससे किसानों को अच्छी फसल की आशा है।

  2. इस साल चाइना लीची का उत्पादन कैसा रहेगा?

    किसानों के अनुसार, इस साल चाइना लीची के पेड़ों पर अपेक्षाकृत कम मंजर दिखाई दे रहे हैं, जिससे इसके उत्पादन में कमी आने की संभावना है।

  3. शाही लीची और चाइना लीची में क्या अंतर है?

    शाही लीची: आकार में बड़ी, स्वाद में अधिक मीठी और सुगंधित होती है।

    चाइना लीची: आकार में छोटी, पर अधिक उत्पादन देती है और निर्यात के लिए उपयुक्त होती है।

  4. लीची की खेती के लिए सबसे अच्छा तापमान क्या होता है?

    लीची की अच्छी फसल के लिए 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है।

    45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर लीची के फल फटने लगते हैं।

  5. भारत में लीची की खेती किन राज्यों में होती है?

    भारत में करीब 19 राज्यों में लीची की खेती होती है, जिनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं।

  6. राजस्थान में लीची की खेती कहां हो रही है?

    राजस्थान में अब माउंट आबू, उदयपुर और सिरोही जैसे ठंडे इलाकों में लीची की खेती की जा रही है।

  7. किसानों को लीची की फसल के लिए क्या सलाह दी जाती है?

    समय पर सिंचाई करें।
    तापमान अधिक बढ़ने पर छायादार व्यवस्था करें।
    जैविक खाद और उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें।

  8. शाही लीची के किसानों को सरकार से क्या उम्मीदें हैं?

    किसान चाहते हैं कि सरकार लीची के परिवहन की बेहतर व्यवस्था करे, ताकि दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों में लीची जल्द और ताजा पहुंच सके।

  9. लीची को सुरक्षित तरीके से बाजार तक कैसे पहुंचाया जाए?

    लीची के लिए हवाई मार्ग और रेलवे में विशेष कोल्ड स्टोरेज बोगी की आवश्यकता है, जिससे इसे सुरक्षित रूप से अन्य राज्यों में भेजा जा सके।

  10. लीची उत्पादन में बिहार का क्या योगदान है?

     बिहार देश में लीची उत्पादन का सबसे बड़ा राज्य है, जहां मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और वैशाली जिले प्रमुख रूप से लीची उत्पादन में आगे हैं।

  11. 2025 में शाही लीची का उत्पादन कितना बढ़ सकता है?

    इस साल शाही लीची पर बंपर मंजर देखने को मिल रहा है, जिससे उत्पादन में 15-20% तक वृद्धि होने की संभावना है।

    मौसम भी अनुकूल बना हुआ है, जिससे किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद है।

  12. क्या इस साल चाइना लीची का उत्पादन कम होगा?

    हां, किसानों के अनुसार, इस साल चाइना लीची के पेड़ों पर अपेक्षाकृत कम मंजर दिख रहे हैं, जिससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है।

  13. शाही लीची और चाइना लीची में क्या अंतर है?

    शाही लीची: आकार में बड़ी, स्वाद में अधिक मीठी और सुगंधित होती है।

    चाइना लीची: आकार में छोटी, पर अधिक उत्पादन देती है और निर्यात के लिए अधिक उपयुक्त होती है।

  14. लीची की अच्छी फसल के लिए क्या जरूरी है?

    तापमान 25-30°C के बीच होना चाहिए।
    नियमित सिंचाई और जैविक खाद का प्रयोग आवश्यक है।
    अधिक गर्मी में छायादार व्यवस्था करनी चाहिए।

  15. भारत में किन राज्यों में लीची की खेती होती है?

    भारत के 19 राज्यों में लीची की खेती होती है, जिनमें प्रमुख रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं।

  16. बिहार में शाही लीची का सबसे ज्यादा उत्पादन कहां होता है?

    बिहार में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और वैशाली जिले शाही लीची के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र हैं।

  17. लीची की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान क्या होता है?

    लीची के लिए 25°C तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है।

    यदि तापमान 45°C से अधिक हो जाए, तो फलों के फटने की संभावना बढ़ जाती है।

  18. लीची के किसानों को सरकार से क्या मदद चाहिए?

    लीची के परिवहन के लिए हवाई और रेल मार्ग की बेहतर सुविधा।

    दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में लीची को ताजा पहुंचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था।

    निर्यात के लिए सरकारी सहायता और नई तकनीकों का सहयोग।

  19. लीची को सुरक्षित रूप से अन्य राज्यों तक कैसे पहुंचाया जाए?

    स्पेशल रेलवे बोगी और हवाई कार्गो सुविधा होनी चाहिए।

    कोल्ड स्टोरेज और सही पैकेजिंग से लीची को अधिक समय तक ताजा रखा जा सकता है।

  20.  राजस्थान में लीची की खेती कहां हो रही है?

    राजस्थान में अब माउंट आबू, उदयपुर और सिरोही जैसे ठंडे इलाकों में लीची की खेती की जा रही है।

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